पाकिस्तान में लोन की राशि न चुका पाने पर हिंदू और ईसाई महिलाओं को बेच देने की घटनाएं आम हो चली हैं। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी पाकिस्तान में अल्पसंख्यक महिलाओं व लड़कियों का संपत्ति की तरह लेनदेन किया जाता है। कभी उन्हें छोटे-मोटे विवादों को सुलझाने के लिए बेच दिया जाता है तो कभी परिवार वाले लोन ना चुका पाने पर बेटियों को नकदी के रूप में भुगतान कर देते हैं। रिपोर्ट के अनुसार जीवती नाम की 14 साल की लड़की की एक हजार डॉलर के लोन के बदले शादी करा दी गई। उसकी मां अमीरी काशी कोहली का कहना है कि उनके पति ने 500 डॉलर के लगभग कर्ज लिया था। अब यह कर्ज चुकता हो गया है।
अमीरी ने बताया, ”मैं पुलिस और कोर्ट में गई। लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी।” उसने बताया कि लैंड मैनेजर ने उसकी बेटी को इस्लाम में धर्मांतरित कर दिया और लड़की को दूसरी पत्नी के रूप में ले गया। अमीरी के अनुसार, ”उन्होंने हमें कहा कि तुम्हारी बेटी इस्लाम के प्रति संकल्पित है और अब तुम उसे वापस नहीं ले सकती।” जिस दिन जीवती को ले जाया गया उस दिन उसका परिवार गर्मी के कारण घर से बाहर सोया था। सुबह जब परिवार के लोग उठे तो जीवती नहीं मिली। किसी ने कुछ नहीं सुना। परिवार ने सामाजिक कार्यकर्ता वीरो कोहली से मदद मांगी। वीरो का खुद का जन्म गुलाम के रूप में हुआ था लेकिन साल 1999 में उन्होंने खुद को मुक्त करा लिया और परिवारों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराने में लग गईं। पांच महीने पहले अमीरी और वीरो पियारो लुंध थाने गए। पुलिस ने कहा कि लड़की अपनी मर्जी से गई है। इस पर जब वीरो ने कहा कि उसकी मां से बात करने दो लेकिन पुलिस ने मना कर दिया।