मणिपुर में हालात बेकाबू, 350 रूपए हुआ पेट्रोल, 3000 रूपए में मिल रही है रसोई गैस

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मणिपुर
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नए जिलों के गठन को लेकर मणिपुर में 50 से ज्यादा दिनों से जारी बंद की वजह से हालात खराब होते जा रहे हैं। इससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सात नए जिले बनाये जाने का विरोध करते हुए यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने राजमार्गों को बंद कर रखा है, जिससे चलते जरुरतों की चीजें नहीं पहुंच पा रही है। राज्य में पेट्रोल 350 रुपए लीटर, कुकिंग गैस (एलपीजी सिलेंडर) तीन हजार रुपए में बिक रहा है। इसके अलावा 100 रुपए किलो आलू और प्याज 50 रुपए किलो बिक रहा है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने शुक्रवार को इम्फाल पहुंचकर हालात जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह की नाकेबंदी पूरी तरह से अस्वीकार्य है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं।

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मणिपुर को देश के मुख्य हिस्सों से जोड़ने वाले दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर यूनाइटेड नागा परिषद ने एक नवंबर से आर्थिक नाकेबंदी की हुई है। इसकी वजह राज्य में बने सात नए जिले हैं जिनका नागा संगठन विरोध कर रहे हैं। नाकेबंदी की वजह से लोगों को जरूरी चीजों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते पिछले 52 दिन से मणिपुर में जनजीवन बाधित है। अशांति पर काबू पाने के लिए सरकार ने पूर्वी इंफाल में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया है। इसके अलावा राज्य के कई इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवा पर रोक लगी हुई है। मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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