RBI के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने नोटबंदी को बताया ‘रचनात्मक विध्वंस’, कहा- इससे नष्ट होगा कालाधन

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर 2016 को लागू किए गए नोटबंदी के फैसले को  भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने ‘एक रचनात्मक विध्वंस’ बताया है।

उन्होंने नोटबंदी की तुलना 1991 के सुधारों से की। राव ने कहा कि यह 1991 के बाद से अब तक का सबसे बड़ा ‘उलटफेर पैदा करने वाला नीतिगत नवप्रवर्तन’ है। इससे कालाधन को नष्ट करने में मदद मिली है।

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एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सुब्बाराव ने कहा कि पिछले 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरबीआई ने एक झटके में 86 प्रतिशत मुद्रा चलन से बाहर कर दी। इसलिए कहा जा सकता है कि यह निश्चित रूप से 1991 के सुधारों के बाद सबसे बड़ा उलटफेर वाला नीतिगत नवप्रवर्तन है।

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राव ने कहा कि नोटबंदी की लागत और इसके लाभ एक लगातार बहस वाली प्रक्रिया हैं। लेकिन नीतिगत नवप्रवर्तन पर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि एक प्रकार से नोटबंदी रचनात्मक विध्वंस है, क्‍योंकि इसने जो चीज नष्ट की है वह कालाधन है, जो कि एक विनाशकारी सृजन है।

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