नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से आधार कार्ड बनवाने और वित्तीय लेनदेन के लिए इसे इस्तेमाल में काफी तेजी आई है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, देश के करीब हर व्यस्क नागरिक ने अपना आधार कार्ड बनवा लिए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 18 वर्ष से ऊपर के करीब 99 फीसदी भारतीयों के पास अपना आधार कार्ड हो गया है। अब तक 111 करोड़ से ज्यादा नागरिकों ने आधार कार्ड के लिए नामांकन करा लिया है। आधार कार्ड नामांकन में आई तेजी से देश को लेसकैश सोसाइटी बनाने के सरकार के उस मुहिम को बल मिलेगा।
आंकड़ों से उत्साहित आईटी मंत्री रविशंकर प्रसास ने कहा कि देश के 119 बैंक आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) से जुड़ गए हैं और लगभग 33.87 करोड़ का लेन-देन इसके जरिए किया जा रहा है। लोगों ने अक्सर गोपनीयता भंग करने की चिंता जताई है, लेकिन आधार अधिनियम ने लोगों की गोपनीयता सुनिश्चित की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने पिछले दो साल में करीब 3,6000 रुपये बचाए हैं, वह भी तब जब आधार का इस्तेमाल पीडीएस, एलपीजी सब्सिडी और मनरेगा के तहत मजदूरी के भुगतान जैसी कुछ योजनाओं तक ही सीमित है।
































































