बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि बिहार कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगता है लालू प्रसाद यादव के संगत का भरपूर असर हो गया है क्योंकि वह केन्द्रीय बजट में बिहार के लिए अलग घोषणाएं खोज रहे हैं। सुशील ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री कुमार पर लालू यादव के संगत का भरपूर असर हो गया है कि वह केन्द्रीय बजट में बिहार के लिए अलग घोषणाएं खोज रहे हैं। उन्होंने पूछा कि लंबे समय तक सांसद और रेलमंत्री रहने वाले नीतीश कुमार बतायें कि क्या केन्द्रीय बजट में देश के सभी राज्यों के लिए अलग-अलग घोषणाएं होती हैं। क्या बिहार सरकार के इस साल के बजट में राज्य के सभी 38 जिलों और प्रखंडों में किए जाने वाले विकास कार्यो का उल्लेख रहेगा।
क्या यह सही नहीं है कि बुधवार को लोकसभा में पेश किये गए आम बजट से बिहार जैसे गरीब और पिछड़े राज्यों को ही बजट का सर्वाधिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण को उबाऊ बताने वाले मुख्यमंत्री का शराबबंदी और सात निश्चय पर एक साल से एक ही भाषण सुनते-सुनते क्या बिहार की जनता ऊब नहीं गई है। सुशील मोदी ने कहा कि गुजरात और झारखंड में एम्स के प्रावधान पर टिप्पणी करने वाले लालू यादव को यह मालूम ही नहीं है कि वित्तमंत्री ने दो साल पहले ही पटना के अलावा बिहार में एक और एम्स की घोषणा की थी जिसके लिए राज्य सरकार आज तक जमीन उपलब्ध नहीं करा पाई है।
भाषा की खबर के मुताबिक, बिहार में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दस साल तक केन्द्र में रही यूपी सरकार और पांच साल तक रेलमंत्री रहे लालू यादव बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिला नहीं पाए। वहीं रघुराम राजन समिति और 14वें वित्त आयोग ने तो विशेष राज्य की अवधारणा को ही खत्म कर दिया। अब तो केन्द्र सरकार चाह कर भी किसी राज्य को विशेष दर्जा दे नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे से कई गुणा ज्यादा पैकेज के रूप में प्रधानमंत्री ने बिहार को दिया जिसकी एक-एक योजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं। सुशील ने कहा कि मुख्यमंत्री बतायें कि पटना-आरा-बक्सर, पटना-डोभी, मोकामा-बख्तियारपुर-खगड़िया फोर लेन सड़क और गंगा पुल का पुनरुद्धार जैसी अनेक योजनाएं क्या विशेष पैकेज का हिस्सा नहीं हैं।