नगालैंड हिंसा: आरक्षण की मांग के चलते भड़की हिंसा, सीएम आवास पर हमला, सेना तैनात

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फोटो: साभार

शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का विरोध करते हुए नगालैंड की राजधानी कोहिमा में गुरुवार के प्रदर्शन ने हिंसात्मक रूप ले लिया है। प्रदर्शनकारियों ने दीमापुर स्थित मुख्यमंत्री  टीआर जेलिआंग के निजी आवास और कई सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया। हालांकि इस हमले के वक्त मुख्यमंत्री राजधानी कोहिमा स्थित अपने सरकारी आवास में थे और वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। जिसके बाद राज्य में अर्धसैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी।

ये लोग जनजातीय समूहों के विरोध के बावजूद चुनाव के लिए आगे बढ़ने को लेकर मुख्यमंत्री टीआर जेलिआंग और उनकी पूरी कैबिनेट का इस्तीफा मांग रहे हैं। जनजातीय समूह नगर निकायों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण के खिलाफ है। वहीं नगालैंड के डीजीपी ने शुक्रवार को बताया कि दीमापुर में हालात अब काबू में हैं। उन्होंने साथ ही बताया कि कोहिमा में हिंसा की कुछ घटनाएं हुई हैं, लेकिन हालात वहां भी काबू कर लिए गए हैं।

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इससे पहले दिन में नगालैंड ट्राइब्स एक्शन कमेटी (एनटीएसी) ने जेलिआंग और उनकी कैबिनेट को शाम चार बजे तक इस्तीफा देने, दीमापुर पुलिस आयुक्त को हटाने और चुनाव को अवैध एवं अमान्य घोषित करने का अल्टीमेटम दिया। बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वहां पर असम राइफल्स को तैनात करने का फैसला लिया है।

एनटीएसी के दबाव में जेलिआंग ने चुनाव प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया और दीमापुर के पुलिस आयुक्त एवं पुलिस उपायुक्त का भी तबादला कर दिया ताकि मंगलवार को हुई गोलीबारी की घटना की निष्पक्ष जांच हो सके। इस घटना में दो प्रदर्शनकारी युवक मारे गए थे जिसके बाद से राज्य में रोष पनप रहा है।

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यह हिंसा उस वक्त भड़की जब विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प में दो युवकों की मौत हो गई। जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने कोहिमा स्थित मुख्यमंत्री आवास को घेर लिया है और कई सरकारी भवनों में आग लगा दी है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को दिमापुर में पुलिस गोलीमारी में मारे गए दो युवकों के शव कल शाम यहां पहुंचने के बाद यहां लगातार दूसरे दिन भी तनाव बना हुआ है।

एनटीएसी के प्रवक्ता ने बताया कि शवों को मुख्यमंत्री टीआर जेलिआंग और सत्ताधारी पार्टी एनपीएफ के अध्यक्ष डॉ शुरहोजीलाय घरों के सामने ले जाने की भीड़ की मांग के बाद एनटीएसी ने सरकार के साथ मामला उठाने के लिए एक समिति गठित कर दी। एनटीएसी के प्रवक्ता ने बताया कि समिति का गठन असाधारण आपातकालीन बैठक में किया गया है जो आज यहां अंगामी पब्लिक ऑर्गनाइजेशन कार्यालय में हुई थी।

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एनटीएसी कोहिमा ने राजभवन में राज्यपाल पीबी आचार्य की गैर मौजूदगी में दिए गए ज्ञापन में कहा कि स्थिति इसलिए हिंसक हो गई कि मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट ने शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों को टालने के लोगों की लोकतांत्रिक मांगो के खिलाफ जाने का फैसला किया।