जयपुर में नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल कोर्ट 9 साल पहले हुए अजमेर दरगाह ब्लास्ट मामले में अब 8 मार्च को अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े हिंदूवादी संगठनों के 13 लोग आरोपी हैं।
स्वामी असीमानंद, देवेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर लेवे, मुकेश वासनानी, लोकेश शर्मा, हर्षद भारत, मोहन रातिश्वर, संदीप डांगे, रामचंद कलसारा, भवेश पटेल, सुरेश नायर और मेहुल इस ब्लास्ट केस में आरोपी हैं। एक आरोपी सुनील जोशी की हत्या हो चुकी है। वहीं आरोपियों में से संदीप डांगे और रामचंद कलसारा अभी तक गायब हैं।
बदला लेने के लिए किया गया था ब्लास्ट
इनके खिलाफ पेश की कई चार्जशीट के अनुसार, 2002 में अमरनाथ यात्रा और रघुनाथ मंदिर पर हुए हमले का बदला लेने के उद्देश्य से अजमेर शरीफ और हैदराबाद की मक्का मस्जिद में बम ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। पुलिस को घटनास्थल से दो सिम कार्ड बरामद हुए थे जो झारखंड और पश्चिम बंगाल से खरीदे गए थे इसके अलावा ब्लास्ट वाली जगह से एक बैग भी बरामद हुआ था।
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