एक मार्च से एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक ने होम ब्रांच में बचत और वेतन खातों से महीने में चार बार से ज्यादा या नकद लेन-देन पर न्यूनतम 150 रुपये या प्रति एक हजार पांच रुपये का शुल्क लगा दिया है। होम ब्रांच से इतर अपने ही बैंक की अन्य शाखाओं से नकद लेन-देन की शर्त और कड़ी है। मसलन आईसीआईसीआई बैंक अन्य ब्रांच से एक बार के बाद हर नकद लेन-देन पर ग्राहकों से शुल्क लेगा। बैंकों का ये फैसला इसलिए भी स्तब्ध कर देने वाला है क्योंकि ये तीनों बैंक मुनाफे में हैं।
अगर आपका बैंंकिंग सिस्टम से एक दशक से पुराना नाता है तो शायद आपको याद हो कि पिछले दो दशकों में ज्यादातर बैंकों ने केंद्रीयकृत कम्प्यूटर प्रणाली अपनाने की शुरुआत की थी। आज शायद ही ऐसा कोई बड़ा बैंक बचा हो जिसका कम्प्यूटरीकरण न हो चुका हो। इसे कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) कहा गया। कहा गया कि चूंकि कम्प्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से बैंक की सभी शाखाओं (ब्रांच) एक आंकड़े एक जगह उपलब्ध होंगे। और आप बैंक की किसी भी शाखा से लेन-देन कर सकेंगे। ऐसा होने भी लगा। आज 2017 में आपको अपने बैंक खाते में नकद लेन-देन करने के लिए अपनी होम ब्रांच (जहां मूलतः खाता खुलवाया गया था) में जाना जरूरी नहीं रह गया। आर्थिक उदारीकरण के बाद तेजी से बदलते देश की ये जरूरत भी थी।