मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला आज दोपहर 1 बजे एन. बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगी और इसके साथ ही प्रदेश में पहली बार बीजेपी अपनी सरकार बन जाएगी। हालांकि नॉर्थ ईस्ट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था लेकिन पिछले साल हुए चुनाव में बीजेपी ने असम में सरकार बनाकर पहले ही कांग्रेस के किले में सेंध लगा दी थी। ऐसे में आज मणिपुर में सरकार बनाकर बीजेपी कांग्रेस के किले का काफी हद तक अपने कब्जे में ले लेगी।
गोवा के बाद मणिपुर दूसरा राज्य है जहां कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन बहुमत का जुगाड़ बीजेपी ने कर लिया और अब सरकार बनने जा रही है। आज दोपहर एक बजे बीजेपी विधायक दल के नेता एन बीरेन सिंह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
इस बार के चुनाव में हालांकि कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं लेकिन कांग्रेस बहुमत से दूर रही। मणिपुर विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं। कांग्रेस 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी वहीं बीजेपी को 21 सीटों पर जीत मिली।
बीजेपी को न बहुमत मिला और न ही सबसे बड़ी पार्टी बन पाई लेकिन बाकी दलों के साथ मिलकर बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा जुटा लिया। बीजेपी का दावा है कि कुल 32 विधायक उसके साथ हैं। इससे पहले राजग में शामिल नगा पीपुल्स फ्रंट के चार सदस्यों ने राज्यपाल से मुलाकात की और सरकार गठन के लिए भाजपा को अपना समर्थन देने की घोषणा की।
ये है बीजेपी का गणित
बीजेपी के 21 विधायकों के अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी यानी एनपीपी के चार, नगा पीपुल्स फ्रंट के चार, एलजेपी के 1 और दो अन्य विधायकों के साथ बीजेपी के पास कुल 32 विधायक हैं जो बहुमत से ज्यादा है।
कांग्रेस का बताया लोकतंत्र की हत्या, राज्यपाल बोलीं मुझे राजनीति की जानकारी है
कांग्रेस ने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सबसे बड़े दल होने के नाते आमंत्रण पहले उसे मिलना चाहिए। इस पर राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि मुझे नियम-कानून की जानकारी है। भाजपा के पास पर्याप्त संख्या है। मैंने कम से कम पांच विभिन्न प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया। अब तक किसी ने यह आरोप नहीं लगाया कि मैंने कुछ गलत किया।