अफ्रीकी मूल के नाइजीरियाई छात्रों पर सोमवार रात हुए ताबड़तोड़ हमले के बाद पुलिस ने मंगलवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में एक कांग्रेस नेता समेत 10 नामजद और 1200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मंगलवार को मामला खासा सुर्खियों में रहा। विदेश मंत्रालय ने भी गंभीर रुख अपनाते हुए यूपी सरकार से मामले में रिपोर्ट मांगी है।
तनावपूर्ण माहौल
छात्र मनीष खारी की ड्रग की ओवरडोज से मौत के बाद नाइजीरियाई नागरिकों के प्रति लोगों का गुस्सा थम नहीं रहा है। मंगलवार को भी कई जगह इन लोगों के साथ मारपीट के मामले सामने आए। इससे पहले सोमवार रात को अंसल प्लाजा मॉल में दो नाइजीरियाई युवकों पर हमला हुआ था। इन लोगों की गुस्साई भीड़ ने बुरी तरह पिटाई की थी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
बढ़ाई गई सुरक्षा
शहर के एसएसपी ने बताया कि जिन कॉलेजों और सोसायटी में नाइजीरियाई लोग रह रहे हैं, वहां सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। किसी भी विदेशी नागरिक से मारपीट या अभद्रता करने वाले पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने विदेशी नागरिकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए क्षेत्र में फ्लैग मार्च भी किया।
क्या है पूरा मामला ?
घटनाक्रम की जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि एन.एस.जी. सोसाइटी निवासी 12वीं का छात्र मनीष खारी 23 मार्च की रात से घर से लापता था। 24 मार्च को वह अपनी सोसाइटी के बाहर बेहोशी की हालत में मिला। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मनीष के पिता किरण पाल ने अपनी शिकायत में 5 नाइजीरियाई छात्रों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मनीष को ड्रग्स देकर उसकी हत्या कर दी।
पुलिस के मुताबिक रात सैंकड़ों की संख्या में लोग मनीष की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परी चौक और अंसल प्लाजा पर कैंडल मार्च निकाल रहे थे। इसी बीच वहां से गुजर रहे कुछ नाइजीरियाई छात्रों पर आक्रोशित भीड़ ने हमला कर दिया। इस सिलसिले में एक नाइजीरियाई छात्र मोहम्मद जरुद्दीन ने सुरेन्द्र, अभिषेक, श्याम लोहिया, विपिन खारी सहित 1200 लोगों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कराया है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सुबह अभिषेक और श्याम लोहिया सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया है।