राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के बाद अब छोटे बेटे भी कथित मिट्टी घोटाले में गिरते दिख रहे हैं। कथित मिट्टी घोटाले में जिस जमीन ओर कंपनी और का नाम सामने आया है उसके शेयरधारकों में लालू के दोंनों बेटों का नाम है। लेकिन दोंनों में से किसी ने भी 2015 का विधान सभा चुनाव में इलेक्शन कमीशन को दिए हलफनामे में इस बात की कोई जानकारी नहीं दी थी।
बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और पर्यावरण एवं वन मंत्री तेज प्रताप पर पटना के संजय गांधी जैविक पार्क (पटना चिड़ियाघर) में बन रही सड़क के लिए मिट्टी लाने के दिए गए 90 लाख के ठेके में परोक्ष रूप से लाभार्थी होने का आरोप है। पटना चिड़ियाघर में बन रही सड़क के लिए मिट्टी लाने का ठेका जिस कंपनी के पास है उसी कंपनी के पास उस जमीन से मिट्टी उठाने का ठेका है जिसकी मालिक कंपनी के शेयरधारकों में तेज प्रताप, तेजस्वी और राबड़ी देवी शामिल हैं।
राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने 2015 में चुनाव आयोग को दिये गये हलफनामे में दानापुर में दो भूखंड के मालिक होने की घोषणा तो की थी लेकिन जमीन का एरिया काफी कम बताया गया था। इतना ही नहीं तेजस्वी की तरफ से दिये गये हलफनामे में डिलाइट मार्केंटिंग को. प्राइवेट लिमिटेड से अपने जुड़ाव का कोई जिक्र नहीं किया गया था। हलफनामे में बताई हई संपत्ति का मूल्य 91 लाख 52 हजार रुपये बताया गया था।
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