लालू के बेटों ने छुपाई जमीन और कंपनी की बात, अधूरी जानकारी देकर लड़ा था चुनाव

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राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने साफ किया है कि ठेका 44 लाख रुपये का है न कि 90 लाख रुपये का जैसा मीडिया में बताया जा रहा है। तिवारी ने कहा है कि ये ठेका मिट्टी खरीद के लिए दिया गया है और इसे देने के लिए सभी कानूनी प्रावधानों को पूरा किया गया है। तिवारी उस आरोप का जवाब दे रहे थे जिसमें कहा गया था कि ये ठेका बगैर किसी निविदा के दिया गया था। वहीं जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है, “हमें उम्मीद है कि पटना चिड़ियाघर ने ठेका देने में उचित प्रक्रिया का पालन किया होगा।”
जिस दो एकड़ के प्लॉट से कथित मिट्टी खरीद किए जाने का दावा किया जा रहा है वो दानापुर की बेली रोड पर स्थित है और उसका मालिकाना हक डिलाइट मार्केंटिंग के पास है। डिलाइट मार्केटिंग ने इस जमीन पर मॉल बनाने का ठेका राजद विधायक सैयद अबु दोजामा की कंपनी मेरिडियन कंस्ट्रक्शन (इंडिया) लिमिटेड को दिया है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी (आरओसी) के दस्तावेज के मुताबिक डिलाइट मार्केटिंग दिल्ली स्थित कंपनी है जिसका स्थापना 10 जून 1981 को हुई थी। तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और चंदा यादव साल 2014 से ही इस कंपनी के डायरेक्टर हैं। अगस्त 2016 में लालू यादव की बेटी रागिनी यादव को भी इसका डायरेक्टर बनाया गया।
आरओसी के रिकॉर्ड के मुताबिक डिजिटल मार्केटिंग ने हाल ही में दो बार अपना नाम बदला। दो नंवबर 2016 को कंपनी ने अपना नाम बदलकर लारा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड रख गया। फिर 14 फरवरी 2017 को कंपनी लिमिटेड लाइबिलिटी फर्म में बदल गयी और अपना नाम लारा प्रोजेक्ट एलएलपी रख लिया। आरओसी के रिकॉर्ड के मुताबिक लालू की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी इसके शेयरहोल्डर हैं।

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