पटना में बिहार दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यक्रम का जबरदस्त आगाज किया, लेकिन कार्यक्रम में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार के किसी सदस्य के शामिल न होने से चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
महागठबंधन में आपसी खीचतान को लेकर अक्सर खबरे उड़ती रहती हैं, लेकिन बिहार दिवस जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव नही आये तो चर्चा होना लाजमी है। तेजस्वी यादव ने कार्यक्रम शुरू होने से पहले बिहार दिवस के अवसर बधाई का ट्वीट भी किया था फिर न जाने क्या हुआ कि वो नही आए और यही सवाल सबके जेहन में था।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक लालू यादव के नजदीकी लोगों का कहना है कि भले कोई भी आधार दिया जाए सब जानते हैं कि सरकारी कार्यक्रमों में तरजीह न दिए जाने के कारण दोनों भाई अनुपस्थित थे। हालांकि राजनीतिक जानकर मानते हैं कि यह लालू यादव के दबाव की राजनीति के तहत किया गया है। लेकिन ऐसे घटनाक्रम से इस बात की पुष्टि होती है कि बिहार के महागठबंधन में सब कुछ सामान्य नहीं है।
वहीं राजद के विधयक भी मान रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम के बाद लालू यादव के इशारे पर दोनों भाई के मौजूद न रहने का खामियाजा आखिरकार पार्टी को ही उठाना पड़ेगा। नाम न छपने की शर्त पर एक विधायक ने कहा कि लालू भी जानते हैं कि नीतीश किसी दबाव में काम नहीं करने वाले और अगर लालू यादव को किसी मुद्दे पर कोई शिकायत हो तो सीधे संवाद कायम करना चाहिए, क्योंकि ऐसे उदाहरण पेश कर जनता में पार्टी और सरकार की किरकिरी ही होती है।
जनता दल यूनाइटेड के नेता कहते हैं कि उन्हें तेजस्वी और तेजप्रताप के मौजूद न होने का निश्चित रूप से अफसोस है लेकिन अगर लालू यादव अपने बेटों को निर्देशित करना बंद कर दें तो शायद बेटे खासकर तेजस्वी यादव अपनी अलग राजनीतिक पहचान जरूर बना सकते हैं। इससे पहले भी स्वस्थ्य विभाग के कार्यक्रमों में तेजप्रताप यादव ने नीतीश कुमार के मौजूद रहने के बावजूद खुद को अलग रखा था। लेकिन तेजप्रताप यादव के प्रति लोगों की धारणा है कि वे लालू यादव की बातों को भी अनसुना कर देते हैं। लेकिन तेजस्वी अगर किसी कार्यक्रम से अपने को अलग रखते हैं तो वे यह कदम लालू यादव से मशविरा के बाद ही उठाते हैं।
बिहार दिवस कार्यक्रम में तेजस्वी और तेजप्रताप की गैरमौजूदगी को लेकर शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी का कहना है तेजस्वी यादव ने कार्यक्रम में शिरकत करने में असहमति जताई थी। हालांकि उन्होंने माना कि तेजस्वी यादव का नाम कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र पर नहीं था, लेकिन यह परिपाटी एनडीए के कार्यकाल से ही चली आ रही है। गौरतलब है कि पिछले साल भी दोनों भाइयों ने बिहार दिवस के कार्यक्रम से खुद को अलग रखा था।
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