नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने 13 वें खत के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने EVM के लिए वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) खरीदने पर मुहर लगा दी है। यह फैसला बुधवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया। चुनाव आयोग लम्बे समय से केंद्र सरकार को वीवीपीएटी खरीदने के लिए पैसे की मांग कर रहा था। चुनाव आयोग का कहना था कि साल 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए EVM के साथ 16 लाख वीवीपीएटी मशीनों की जरूरत है। चुनाव आयोग के आंकलन के अनुसार इतनी वीवीपीएटी मशीने खरीदने के लिए 3,174 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
पिछले 22 मार्च को कानून मंत्री को लिखे पत्र में जैदी ने कहा था कि आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि ‘जरूरी संख्या में वीवीपीएटी को निर्माण के लिए धन जारी किए जाने से 30 महीने के भीतर विनिर्माण किया जा सकता है।’ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद EVM में गड़बड़ी के आरोपों के बाद कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दल वीवीपीएटी की मांग कर रहे थे। इसके लिए वह चुनाव आयोग से लेकर राष्ट्रपति तक के पास पहुंचे थे।