श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों ने बुरहान वानी की पहचान के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण उसे गोली मारी। महबूबा ने कहा कि 8 जुलाई को हुई मुठभेड़ में अगर सुरक्षा बलों को यह पता होता कि बेमदूरा गांव में उस घर के अंदर हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी है, तो उन्होंने उसे नहीं मारा होता। मालूम हो कि मुठभेड़ में बुरहान के मारे जाने के बाद पूरे कश्मीर में हिंसा का दौर शुरू हुआ, जिसमें अब तक 47 लोगों की मौत और हजारों घायल हो चुके हैं।
महबूबा ने गुरुवार को अपनी पार्टी PDP के स्थापना दिवस पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कहा, ‘पुलिस और सेना ने मुझसे कहा कि कोकेरनाग के बेमदूरा गांव के एक घर में 3 आतंकी छुपे हुए हैं।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सेना और पुलिस को यह पता होता है कि घर के अंदर छिपे आतंकियों में बुरहान भी है ‘तो उसे मारा नहीं जाता और दूसरा मौका दिया जाता।’
सुरक्षा बलों का कहना है कि आतंकियों को आत्मसमर्पण का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। महबूबा ने यह भी कहा कि किस तरह नैशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने संसद पर हुए हमले के मामले में दोषी पाए गए अफजल गुरु की फांसी के बाद घाटी में पैदा होने वाली परिस्थितियों के मद्देनजर पहले से ही तैयारी कर ली थी। उन्होंने कहा, ‘नैशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस की सरकार ने तब सभी तैयारियां पहले से ही कर ली थीं, लेकिन हमें तो बेमदूरा में बुरहान के होने की जानकारी ही नहीं थी।’
महबूबा का बयान इशारा है कि अगर उनकी सरकार के पास बुरहान की मौत के बाद पैदा होने वाले तनाव के बारे में खुफिया जानकारी होती, तो वह परिस्थतियों को संभालने और हालात नियंत्रण में रखने के लिए पहले से तैयार होती। महबूबा ने यह भी कहा कि लोगों को सोचना चाहिए कि जैसे ही कश्मीर में आर्थिक खुशहाली आने लगती है, तभी ऐसी भयंकर घटनाएं क्यों हो जाती हैं। उन्होंने कहा, ‘इसके पीछे सोची-समझी योजना लगती है, ताकि कश्मीरियों को सामाजिक अव्यवस्था और आर्थिक बदहाली की ओर धकेला जा सके।’ CM ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की कि जम्मू-कश्मीर समस्या को सुलझाने के लिए सभी पक्षों से बातचीत का रास्ता खोला जाए।