2014 के लोक सभा चुनाव और हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती अब पार्टी में युवा नेताओं की नई पौध तैयार करने में जुटी है.पिछले दिनों जिस तरह से पार्टी के कद्दावर नेताओं-स्वामी प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, आरके चौधरी समेत अन्य ने पार्टी से किनारा किया उसके बाद पार्टी के लिए यह जरुरी भी है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद मायावती ने अपने भाई आनद कुमार को पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया तो वहीं अब अपने 23 वर्षीय भतीजे को राजनीति के गुर सिखा रही हैं.
पिछले दिनों 23 मई को मायावती जब हिंसाग्रस्त सहारनपुर पहुंची तो उनके साथ एक 23 साल का युवा भी मौजूद था. मंच पर खड़े इस शख्स को देखकर पार्टी कार्यकर्ता भी नहीं पहचान सके कि वह कौन है. लेकिन यह युवा और कोई नहीं बल्कि भाई आनंद कुमार का बेटा आकाश था. सहारनपुर दौरे पर आकाश न सिर्फ बड़े गौर से सभी बारीकियों को समझ रहे थे बल्कि लोगों से मुखातिब भी हो रहे थे.
पार्टी के एक नेता के मुताबिक आकाश को मायावती ने पार्टी के मीटिंग में शामिल होने और पार्टी की नीतियों को समझने का आदेश भी दिया है. यही वजह है कि आकाश हाल ही में संपन्न एक मीटिंग में भी मौजूद रहे. जहां उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से बात की और उनसे पार्टी की विचारधारा और रणनीति के बारे में पूछा.उस मीटिंग में मायावती ने पार्टी नेताओं से यह भी कहा था कि यह पार्टी के काम में उनकी मदद करेगा. इसका मतलब आने वाले समय में आकाश को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिले तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए.
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