नई दिल्ली। मानहानि केस में पेशी के लिए अमृतसर पहुंचे अरविंद केजरीवाल सियासत करने से बाज नहीं आए। हौसले इस कदर बुलंद थे कि मंत्री बिक्रम मजीठिया को एक बार फिर ड्रग्स का कारोबारी करार दे दिया। बहरहाल अदालत ने केजरीवाल और संजय सिंह दोनों को जमानत दे दी।
नारों के शोरगुल में बुलंद हौसले के साथ अरविंद केजरीवाल पेशी के लिए अमृतसर की अदालत पहुंचे। जब समर्थकों की भीड़ जमा हो तो मंसूबे यूं भी आक्रामक हो जाते हैं। मानहानि के मुकदमों के आदी हो चुके केजरीवाल भूल गए कि वो बिक्रम मजीठिया के दायर किए मुकदमे में जमानत लेने आए हैं। पेशी के पहले केजरीवाल ने मजीठिया को खुद को गिरफ्तार करने की चुनौती दी।
उन्होंने कहा कि मजीठिया में हिम्मत है तो 6 महीने में मुझे गिरफ्तार कर ले, नहीं तो 6 महीने बाद मैं मजीठिया को गिरफ्तार कर लूंगा। यही नहीं केजरीवाल ने एक बार फिर मजीठिया को ड्रग्स का तस्कर करार दे दिया।
केजरीवाल के विरोध के लिए अकाली दल के कार्यकर्ता भी पहुंचे लेकिन उनकी तादाद इतनी कम थी कि थोड़ी ही देर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें खदेड़ भगाया। अकालियों के गढ अमृतसर में ये वाकया चौंकाने वाला था।
अदालत ने केजरीवाल और संजय सिंह को चालीस हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी। फिलहाल पंजाब के मंत्री बिक्रम मजीठिया इस पेशी को ही अपनी जीत करार दे रहे हैं। चुटकी लेते हुए वो आम आदमी पार्टी को अली बाबा चालीस चोर की पार्टी करार देते रहे
दरअसल पंजाब के राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया की याचिका पर अमृतसर की अदालत ने मानहानि के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं को समन जारी कर तलब किया था।
पंजाब में ड्रग्स एक बड़ा चुनावी मुद्दा है और केजरीवाल लगातार अकाली दल और मजीठिया पर ड्रग्स के कारोबारियों के सरपरस्त होने का आरोप लगाते रहते हैं। अदालत में तो केस चलते रहेंगे लेकिन चुनावी बिसात पर ये आरोप प्रत्यारोप क्या गुल खिलाते हैं ये देखना दिलचस्प होगा।