एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के बड़े नेता योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही सभी अवैध बूचड़खाने बंद करवा दिए थे। बीफ बैन के एजेंडे को लेकर बीजेपी पूरा अपना हिंदू वोट बैंक स्ट्रोंग करने का भरपूर प्रयास कर रही है। जबकि सच्चाई इसके बिलकुल उलट है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बूचड़खानों और गौ हत्या को लेकर सख्त नियमों की वकालत समय-समय पर करती रहती है और इसको लेकर नियम भी बनाए गए हैं, मगर आरटीआई की जानकारी से खुलासा हुआ है कि किस तरीके से मोदी सरकार ने 2014 से 2017 के बीच में बूचड़खानों को करोड़ों रुपए अनुदान में दिए।
जनता दल (यूनाइटेड) के एक नेता ने इस संबंध में आरटीआई डाली थी। दरभंगा में जदयू नेता इकबाल अंसारी ने यह आरटीआई दायर की थी। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने इसे लेकर जानकारी दी, कि सब्सिडी बूचड़खानों के संस्थापन और नवीनिकरण के लिए मुहैया कराई गई थी। खबर के मुताबिक, आरटीआई से यह खुलासा भी हुआ है कि जिन राज्य में भारतीय जनता पार्टी की या फिर उनके सहयोगी दलों की सरकार थी, उन्हें ज्यादा सब्सिडी मुहैया कराई गई। वित्त वर्ष 2014-15 में आंध्र प्रदेश को 4.5 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश को 3 करोड़, कर्नाटक को 1.02 करोड़, नागालैंड को 1.10 करोड़, पंजाब को 0.33 करोड़, सिक्किम को 0.19 करोड़ और तमिल नाडु को 0.15 करोड़ रुपये की सब्सिडी केंद्र सरकार से मिली।
इसी तरह वित्त वर्ष 2015-16 के लिए आंध्रा प्रदेश की सब्सिडी बढ़कर 6 करोड़ रुपये हो गई। वहीं कर्नाटक को भी 0.17 करोड़, पंजाब को 0.79 करोड़, सिक्किम को 1.33 करोड़ और नागालैंड को 4.82 करोड़ रुपये मिलने से इन राज्यों की सब्सिडी में वित्त वर्ष 2014-15 की तुलना में इजाफा हुआ। वहीं गोवा को 1.85 करोड़, झारखंड को 2.59 करोड़, केरल को 5.86 करोड़, तेलंगाना को 2.71 करोड़ और पश्चिम बंगाल को 1.04 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिली।
इसके बाद अगले वित्त वर्ष 2016-17 के लिए बूचड़खानों को दिए जानी वाली सब्सिडी के दामों में बदलाव देखने को मिलते हैं। आंध्र प्रदेश को 3 करोड़ की सब्सिडी मिलती है। गोवा को भी 3.70 करोड़ रुपये मिलते हैं। झारखंड की सब्सिडी भी 3.45 करोड़, केरल को 4.18 करोड़, नागालैंड की सब्सिडी 8.92 करोड़ और पश्चिम बंगाल को 0.78 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाती है। छत्तीसगढ़ को 0.83 करोड़, हरियाणा को 0.89 करोड़, मिजोरम 3.85 करोड़ और तमिल नाडु में बूचड़खानों के लिए 1.33 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाती है।