जी हां, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के साथ भद्दा मजाक किया है। योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही छोटे और मंझोले किसानों का एक लाख रुपये तक का लोन माफ करने का घोषणा किया था। जिसका पहला चरण पूरा हो चुका है। लेकिन ऋण माफी के बाद कई किसानों को लगता है कि उनके साथ मजाक किया गया है। किसानों ने बताया कि उनपर कर्ज तो काफी ज्यादा था, लेकिन किसी के एक रुपये, किसी के 1 रुपये 80 पैसे, किसी के 1 रुपये 50 पैसे और किसी के 18 रुपये कर्ज माफ किए गए है। जिससे ये सभी लोग सरकार के घोषणा और मंशा पर सवाल उठा रहे है। इटावा की बात करे तो 9,527 किसानों के 58 करोड़ 29 लाख रुपये कर्ज माफी के चेक बंटे है। लेकिन जिन किसानों के एक रुपये, 18 रुपये या डेढ़ रुपये माफ हुए है उनका कहना है कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है।
अहेरीपुर के एक किसान जिन्होंने 28 हज़ार रुपये का कर्ज लिया था, उसके एक रुपये 80 पैसे का कर्ज माफ हुआ है। वहीं, मुकुटपुर के एक किसान जिन्होंने 2 लाख से अधिक का कर्ज लिया था, उसका डेढ़ रुपये का कर्ज माफ हुआ है। महेवा के एक किसान ने 27 हजार रुपये का कर्ज लिया था, उनका 18 रुपये का कर्ज माफ हुआ है। 7 सितंबर को राज्य के परिवहन मंत्री और ज़िले के प्रभारी मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने 9527 किसानों को 8 करोड़ 29 लाख रु के कर्ज माफी के चेक बांटे थे। अब ये किसान बैंक और तहसील के चक्कर काट रहे है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि यह गलती उनकी नहीं बल्कि लेखपाल की है।