पेट्रोल-डीजल के बहाने आम जनों के पॉकेट में आग लगा रहीं है सरकार, कमाई में हुई तीन गुना इजाफा

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पेट्रोल-डीजल के बहाने आम जनों के पॉकेट में आग लगा रहीं है सरकार, कमाई में हुई तीन गुना इजाफा

जी हां, पेट्रोल-डीजल के बहाने सरकार आम जनों के पॉकेट में आग लगा रहीं है। जहां एक तरफ ईंधन आयातीत देशों में पेट्रोल-डीजल के दाम घट रहें है, वहीं दूसरे तरफ भारत में लगातार पेट्रोल-डीजल के तेजी से दाम बढ़ रहें है। आपको बता दें कि 26 मई 2014 को जब मोदी सरकार ने शपथ ग्रहण लिया था, तब कच्चे तेल की कीमत 6330.65 रुपये प्रति बैरल थी। जबकि प्रति डॉलर रुपये की कीमत 58.59 थी। लेकिन, 11 सितंबर 2017 को कच्चे तेल की कीमत करीब-करीब आधी घटकर 3368.39 रुपये प्रति बैरल पर आ गई जबकि प्रति डॉलर रुपये की कीमत 63.89 रही।

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इसी साल 1 मई से पुदुचेरी, विशाखापत्तनम, उदयपुर, जमशेदपुर और चंडीगढ़ के 109 पेट्रोल पंपों पर डेली डाइनैमिक प्राइसिंग लागू की गई थी। इस व्यवस्था को 16 जून से पूरे देश में लागू कर दिया गया। इसके तहत अब रोज सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम बदल जाते है।

1 जुलाई से पूरे देश में लागू हुई नई टैक्स व्यवस्था जीएसटी से पेट्रोल-डीजल को बाहर रखा गया है और इन पर केंद्र एवं राज्यों के अलग-अलग टैक्स अब भी लग रहे है। अब अगर केंद्रीय करों की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र में बीजेपी सरकार के आने के बाद से डीजल पर लागू एक्साइज ड्यूटी में 380% और पेट्रोल पर 120% का इजाफा हो चुका है। इस दौरान केद्र सरकार को इस मद से हुई कमाई भी तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई है। इस दौरान राज्य सरकारों की ओर से लगाए जा रहे सेल्स टैक्स और वैट का भी विस्तार हुआ है।

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पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की ओर से 27 मार्च 2017 को लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, अप्रैल 2014 में 10 राज्यों ने डीजल पर 20% से ज्यादा वैट लगा रखे थे, लेकिन अगस्त 2017 में ऐसे राज्यों की तादाद बढ़कर 15 हो गई। इसी तरह, अप्रैल 2014 में डीजल पर सबसे ज्यादा 25% वैट छत्तीसगढ़ ने लगा रखा था जबकि अगस्त 2017 में यह आंकड़ा 31.06 प्रतिशत तक पहुंच गया जो आंध्र प्रदेश का है। अप्रैल 2014 में 17 राज्यों ने पेट्रोल पर कम-से-कम 25 प्रतिशत वैट लगा रखे थे और अगस्त 2017 में ऐसे राज्यों की संख्या बढ़कर 26 पर पहुंच गई। अप्रैल 2014 में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा 33.06 प्रतिशत वैट पंजाब ने लगा रखे थे, लेकिन अगस्त 2017 में 48.98 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र टॉप पर पहुंच गया।

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Source: nbt