2030 के बाद यहां पेट्रोल और डीजल गाड़ियां होंगी पूरी तरह से बैन

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जर्मनी

जर्मनी की सरकार ने फैसला किया है कि 2030 के बाद उनके यहां पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों पर पूरी तरह से पाबंदी यानी बैन लग जाएगा। यह फैसला Bundesrat द्वारा लिया गया है जिसमें जर्मनी के सभी 16 राज्यों के प्रतिनिधि होते हैं। जर्मनी ने यूरोपियन यूनियन से कहा है कि उसे भी ऐसा ही बैन सारे यूरोपीय संघ के सारे देशों पर लगाने के बारे में सोचना चाहिए। जर्मनी 2030 के बाद शून्य उत्सर्जन वाहनों को प्रोत्साहन देना चाहता है। खैर जर्मनी के लिए यह करना आसान होगा क्योंकि वहां बैटरी यानी इलेक्ट्रिक गाड़ियां तेजी से बढ़ रही हैं। हालांकि, इससे Daimler Benz Group और Volkswagen Group को कुछ नया सोचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। दोनों बड़ी कंपनी समेत बाकी कई कंपनियों को भी नए सिरे से शोध, विकास और प्रोडक्शन शुरू करना पड़ा सकता है। बड़ी कंपनी की रणनीति में बदलाव का फायदा भारत को भी मिल सकता है। क्योंकि इससे भारत को भी नई तकनीक वाली गाड़ी जल्द देखने को मिल सकती हैं। अभी तक भारत में डीजल गाड़ियां ज्यादा इस्तेमाल में आती है। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, कुछ विशलेषक मानते हैं कि Volkswagen भारत के लिए भी नई तकनीक वाली गाड़ियां लेकर आएगा जिससे यहां भी प्रदूषण से थोड़ी निजात मिलने की आशंका बनेगी। लेकिन इसमें अभी काफी वक्त लगेगा।

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डीजल और पेट्रोल के वाहन बंद होने से टेस्ला जैसी कंपनियों के लिए फायदा भी होगा। इलेक्ट्रिक कार बनाने में टेस्ला का काफी नाम है। टेस्ला अच्छी और सस्ती इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए जानी जाती है।

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जर्मनी के इस निर्णय और Volkswagen के डीजल स्केंडल के बाद बाकी कई यूरोपियन ओटोमोबाइल कंपनियां डीजल से इलेक्ट्रोनिक इंजन की तरफ जा सकती हैं। Volkswagen पर उत्सर्जन परीक्षणों में धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था।

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