घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2018 तक बैंकों का एनपीए कुल उधार का 10.5 फीसदी तक पहुंच जाएगा, जबकि मार्च 2017 में यह 9.5 फीसदी था।
बैंकिंग प्रणाली 31 मार्च 2017 तक कुल फंसे कर्जे (तनावग्रस्त परिसंपत्यिों) के दो-तिहाई को एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्तियां) घोषित कर चुकी है।
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हाल फिलहाल जिसे एनपीए घोषित किया गया है, उसमें चालू वित्त वर्ष में कमी आने की उम्मीद है। लेकिन पुराने फंसे कर्जो की वजह से तनावग्रस्त परिसंपत्तियों में वृद्धि होगी।’