दिल्ली: देश में औद्योगिक उत्पादन में लगातार दूसरे महीने गिरावट जारी रही और विनिर्माण, खनन व पूंजीगत सामान क्षेत्र में मंदी के चलते अगस्त महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक एक साल पहले की तुलना में 0.7 प्रतिशत नीचे रहा। हालांकि उद्योग जगत को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन तथा नीतिगत दरों में हाल की कटौती से वृद्धि को बल मिलेगा।
विनिर्माण खंड में पूंजीगत सामान में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक आधारित औद्योगिक उत्पादन जुलाई माह में 2.49 प्रतिशत गिरा था जो इसका 8 महीने का निचला स्तर है। विनिर्माण व पूंजीगत सामान क्षेत्र में गिरावट का असर पूरे औद्योगिक उत्पादन सूचकांक पर पड़ा।
संचयी आधार पर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त की अवधि में औद्योगिक उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 0.3 प्रतिशत संकुचित हुआ जबकि पिछले साल इसमें इसी दौरान 4.1 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गई थी।
उद्योग मंडल फिक्की के महासचिव ए दीदार सिंह ने कहा, ‘संतोषजनक मानसून, आगामी त्योहारी सीजन व ब्याज दर में हाल ही की कटौती से आने वाले महीनों में वृद्धि को बल मिल सकता है।’ वहीं एसोचैम ने अगस्त के आईआईपी आंकड़ों को ‘निरत्साहित करने वाला’ बताया है।
इसी महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी।