अब इस एप के जरिये ट्रक और टेम्पो भी मिलेंगे भाड़े पर!

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उबर और ओला जैसी एप ने लोगों के दिलों में अपनी अलग जगह बना ली है। हर किसी को अपनी लाइफ में आराम चाहिए। बस एक फोन करें और चीज़ उसके सामने हो। उबर और ओला इस भागती दौड़ती ज़िंदगी में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं। कहीं भी जाना हो बस एक फोन करो और गाड़ी आपके पास पहुँच जाएगी और इसके लिए ना तो ज़्यादा इंतज़ार करना पड़ता है और साथ भी किराया भी आपके बजट में होता है।

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इंजीनियरिंग स्नातक तीन युवा बिजनेसमैन द्वारा शहरों के अंदर छोटे वाणिज्यिक वाहनों का परिचालन करने वाले असंगठित परिचालकों को ओला और उबर जैसे ऐप आधारित आॅनलाइन प्लेटफार्म पर लाकर संगठित करने के लिए शुरू किए गए उद्यम पोर्टर में इस समय बेंगलुरू और दिल्ली सहित पांच शहरों में 3,000 से अधिक हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) जुड़ चुके हैं। पोर्टर ने निकट भविष्य में अपने प्लेटफार्म से जुड़े एलसीवी की संख्या 50,000 तक करने का लक्ष्य रखा है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर से इंजीनियरिंग करने वाले युवा उद्यमी एवं बेंगलुरूं से शुरू इस स्टार्टअप पोर्टर के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रणव गोयल ने कहा कि पोर्टर का उद्देश्य छोटे वाणिज्यिक वाहनों का परिचालन करने वालों, खासकर अपने टेम्पो-ट्रक खुद चलाने वाले लोगों को एक मंच पर संगठित कर उनका कारोबार बढ़ाने में मदद करना है।

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