‘नोटबंदी से सरकार को सिर्फ 72,800 करोड़ रुपये का होगा लाभ’

0
फाइल फोटो।

नई दिल्ली। पिछले साल 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी द्वारा किए गए नोटबंदी के फैसले से लाखों करोड़ रुपये के राजकोषीय तथा टैक्स लाभ के दावों के बीच एक घरेलू ब्रोकरेज कंपनी ने बुधवार(25 जनवरी) को कहा कि सरकार को इस कदम से सिर्फ 72,800 करोड़ रुपये का ही ‘लाभ’ होने की संभावना है।

इसे भी पढ़िए :  एयर एशिया का धमाका ऑफर, ट्रेन के स्लीपर क्लास के दाम पर करें हवाई सफर

रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें 32,800 करोड़ रुपये टैक्स और जुर्माने से लाभ होगा। वहीं 40,000 करोड़ रुपये भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) द्वारा सरप्लस के ट्रांसफर से मिलेंगे। नोटबंदी का समर्थन करने वाले अर्थशास्त्रियों ने दावा किया था कि चलन से बाहर किए गए 15.55 लाख करोड़ रुपये में से कम से कम 20 प्रतिशत प्रणाली में वापस नहीं लौटेंगे।

इसे भी पढ़िए :  TRAI ने 'जियो' को लगाई फटकार, जारी किया 'कारण बताओ नोटिस' पढ़िए- आखिर क्यों ?

हालांकि, केंद्रीय बैंक ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि 8 नवंबर को 15.55 लाख करोड़ रुपये के 500 और 1,000 के नोट बंद किए गए। आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में रिजर्व बैंक ने कहा है कि बंद किए गए नोट 20.51 लाख करोड़ रुपये के हैं।

इसे भी पढ़िए :  आगामी बजट में 'अच्छे दिन' की आस, 4 लाख तक की इनकम हो सकती है टैक्स फ्री

इसका मतलब है कि रद्द की गई मुद्रा का 3.5 प्रतिशत प्रणाली में वापस नहीं लौटेगा या कालाधन होगा। घरेलू ब्रोकरेज कंपनी मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह शुरुआती अनुमानों की तुलना में काफी कम, 40,000 करोड़ रुपये ही होगा।