देश के 18 बड़ी कंपनियों की 27 दवाईयां घटिया गुणवत्ता, गलत लेबल लगाने, सामग्री की गलत मात्रा, रंग खोने, नमी बनने, टूटने और घुलने में समस्या का मामला सामने आया है। ये आंकड़ा सात राज्यों के दावा नियामकों द्वारा उपलब्ध कराया गया है। जिन कंपनियों के नामों का खुलासा हुआ है उनमें एबॉट इंडिया, ग्लैक्सो स्मिथकलाइन (जीएसके) इंडिया, सन फा वहीं एक अन्य कंपनी ने बताया कि उसने दवा को बाजार से वापस ले लिया है। जिन दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं उनमें, एबॉट इंडिया की एंटीबायोटिक दवा पेंटाइड्स, एलेम्बिक फार्मा की एंटी बैक्टेरियल दवा एल्थ्रोसिन, कैडिला फार्मा की माइग्रेन की दवा वासाग्रेन, ग्लेनमार्क फार्मा की कफ सिरप एस्कॉरिल, जीएसके इंडिया की वर्म इंफेंक्शन की दवा जेंटल, टॉरंट फार्मा की हायरपर टेंशन की दवा डिलजेम, सनोफी सिंथेलेबा की एंटी इंफ्लमेटरी दवा मायोरिल शामिल है।
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