नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद लोगों को हो रही परेशानियों के बीच जानकारों का कहना है कि सरकार का यह फैसला कैशलेस को बढ़ाने की कवायद भविष्य में करदाताओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी भविष्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स की दर में कटौती का संकेत दिया है। जेटली ने कहा कि नोटबंदी की वजह से अघोषित आय वाली संपत्ति सिस्टम में लौट रही है, इसके चलते रेवेन्यू में इजाफा होगा।
जेटली ने उन लोगों को चेतावनी दी है जो गैर कानूनी तौर पर भारी मात्रा में नकदी जमा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। एजेंसियां पूरे मामले पर नजदीकी से निगाह रखे हुए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि बड़ी धनराशि सिस्टम से बाहर थी। जब यह राशि बैंकों में जमा होगी तो इसका हिसाब लिया जाएगा। जिन लोगों ने टैक्स का भुगतान नहीं किया है, उनसे टैक्स वसूला जाएगा।
जेटली ने कहा कि ऐसे बेहिसाब धन की स्वैच्छिक जानकारी देने पर 50 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होगा, जबकि खुलासा नहीं करने पर 85 फीसदी टैक्स लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार नकदी से लेन-देन कम करने के लिए डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा दे रही है।