GST निगरानी के लिए सरकार ने बनायी 175 अधिकारियों की कमेटी

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GST निगरानी के लिए सरकार ने बनायी 175 अधिकारियों की कमेटी

देश में जीएसटी लागू हुए पांच दिन हो चुके हैं. सरकार लगातार लोगों को जीएसटी को लेकर जागरुक कर रही है. राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने बताया कि सरकार ने जीएसटी पर निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई है. इस कमेटी में में 15 अलग-अलग विभाग के सचिव शामिल होंगे. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार लगातार कीमत और सप्लाई पर नजर बनाए हुए हैं.

हसमुख अढिया ने कहा, ”कैबिनेट सचिव ने एक सेंट्रल मॉनीटरिंग कमेटी बनाई है, इसमें 15 विभाग के सचिव सदस्य हैं. ये ऐसे विभाग हैं जिनका उपभोक्ता के साथ सीधा संबंध है. यह कमेटी अलग अलग ग्रुप में काम करेगी, जीएसटी व्यवस्था पर नजर रखेगी.”

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हसमुख अढिया ने कहा, ”इसके ही देश भर के लिए 175 अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गयी है. इन अधिकारियों को चार से पांच जिलों की जिम्मेदारी दी जाएगी. यह अधिकारी भी अपने अपने जिलों से जानकारी लेकर स्थिति पर नजर रखेंगे. इसके साथ ही कैबिनेट सचिव सप्ताह में एक बार स्थिति का जानकारी लेने के लिए बैठक करेंगे.”

हसमुख अढिया ने कहा, ”किसी भी चीज की कीमत ना बढ़े और लोगों को पता चले कि किस वस्तु पर कितना टैक्स कम हुआ है इसके लिए हमने मीडिया कैंपेन शुरू किया है. कुछ आवश्यक वस्तुओं की पहले क्या स्थिति थी अभी क्या स्थिति है इसकी तुलना हमने आज के अखबारों के जरिए बतायी है.”

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एमआरपी को लेकर भी सरकार ने स्थिति साफ की. उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने कहा कि जिन प्रोडक्ट्स की MRP बदली गई है उसके लिए कंपनियों को सामान पर नई और पुराने दोनों MRP देनी होंगी. ताकि ग्राहक जान सकें कि पहले और अबके MRP में कितना फर्क आया है. सामान पर नई MRP का स्टीकर चिपकाना होगा, लेकिन पुरानी MRP भी नजर आनी चाहिए. इसके साथ ही कंपनी के लिए लाज़मी होगा कि वो अपने प्रोडक्ट्स के नई और पुरानी MRP कम से कम दो अखबारों में विज्ञापन के जरिए उपभोक्ता को बताए.

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अब आप के लिए जरूरी है कि जब किसी सामान को खरीदें, नई और पुरानी MRP जरूर देखें और इसका मिलाप अखबार में आए विज्ञापन से करें. खासकर जिन सामान के दाम कम हुए हैं वहां दुकानदार आपको वो सामान पुरानी MRP से बेचने की कोशिश कर सकता है. इसलिए आपको इसे लेकर चौकन्ना रहने की जरूरत है. आप उन सामानों के बारे में जरूर जानें जिनके दाम जीएसटी लागू होने के बाद घट गए हैं.

दरअसल, MRP में सभी तरह के टैक्स जुड़े रहते हैं लेकिन जीएसटी के आने के बाद टैक्स सलैब बदल गए हैं इसलिए अब ज्यादातर सामान के MRP बदलने तय हैं.