आज पीएम मोदी इजराइल के दौरे की यात्रा का दूसरा दिन है. आज पीएम अपने इजराइल के अपने समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय चर्चा करेंगे. जब से पीएम नरेंद्र मोदी इजरायल की धरती पर उतरे हैं तबसे उनकी औऱ इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बीच की दोस्ती खूब परवान चढ़ रही है.
कल रात को दोनों ने साझा बयान में आतंकवाद के मुद्दे पर पर मिलकर लड़ने की बात कही. पीएम मोदी को रिसीव करने इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू खुद एयरपोर्ट आए. उन्होंने पीएम मोदी का स्वागत बड़े ही अनोखे अंदाज़ में किया. नेतन्याहू ने हिंदी में कहा, ‘आपका स्वागत है मेरे दोस्त.’ इसके बाद कल रात इजरायल के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी सारा नेतन्याहू ने कल रात पीएम मोदी की स्वागत में भव्य डिनर का आयोजन किया.
साझा बयान में बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी की योग को लेकर पहल की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘मुझे ये बात स्वीकार करनी होगी कि योग के प्रति पीएम मोदी के उत्साह को देखकर मैं काफी प्रेरित हुआ हूं. इन्होंने मुझ से कहा है कि मैं हल्के योगासनों से शुरुआत करूं इसलिए मैं थोड़े आसान योगासानों से शुरुआत करूंगा. सुनिए हम क्या करनेवाले हैं. जब मैं तलासन के वक्त सुबह दाईं तरफ घूमूंगा, भारत वो पहला लोकतंत्र होगा जो मुझे दिखेगा और जब पीएम मोदी सुबह वशिष्ठासन करते वक्त बाईं तरफ देखेंगे तो इजरायल वो पहला लोकतंत्र होगा.’ डिनर से पहले मोदी ने और नेतन्याहू ने एक साझा बयान दिया जिसमें नेतन्याहू ने मोदी की जमकर तारीफ की. भारतीयों की तारीफ में नेतन्याहू ने सबसे पहले मशहूर गणितज्ञ रामानुजन को याद किया. उन्होंने कहा, ‘हमारे मन में भारत के लोगों के लिए बहुत श्रद्धा है. मेरे चाचा स्वर्गीय प्रोफेसर एलिशा नेतन्याहू इजरायल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में गणितज्ञ थे. उन्होंने मुझे कई बार कहा था कि वो महान भारतीय गणितज्ञ रामानुजन का काफी सम्मान करते हैं. उनका कहना था कि रामानुजन 20वीं सदी के सबसे बड़े गणितज्ञ थे. इतना ही नहीं उनका कहना था कि रामानुजन पिछली कई सदियों के सबसे बड़े गणितज्ञ थे. ये भारत के लोगों की प्रतिभा का एक प्रतीक है.’
नेतन्याहू और पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एक साथ मिलकर लड़ने पर भी जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग मानवता और सभ्यता के मूल्यों में विश्वास रखते हैं उन्हें एकजुट होकर आगे आना चाहिए और इनका किसी भी कीमत पर बचाव करना चाहिए. उन्होंने दुनियाभर में महामारी की तरह फैली आतंकवाद, कट्टरपंथ और हिंसा की बुराईयों का दृढ़ संकल्प के साथ विरोध करने का आहवान किया. नेतन्याहू ने कहा कि आतंकवाद की बुराई से निबटने के लिए दोनों देशों को मिलकर खड़ा होना होगा.
इसके बाद पीएम मोदी ने अपने बयान में यरुशलम के याद वाशेम मेमोरियल म्यूजियम का जिक्र किया. पीएम कल शाम वहां होलोकॉस्ट में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने भी गए थे. 1930 और 1940 के दशक में जर्मनी के तानाशाह हिटलर की नाजी सेना ने करीब 60 लाख यहूदियों को मार दिया था जिसे होलोकॉस्ट कहा जाता है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘याद वाशेम हमें कई पीढ़ियों पहले की उस खौफनाक घटना की याद दिलाता है जिसने लोगों को इतनी पीड़ा दी. ये आप लोगों की उस अटूट भावना को भी श्रद्धांजलि है जो इतनी बड़ी त्रासदी से उबरने, नफरत पर विजय पाने और एक लोकतांत्रिक देश बनने में कामयाब हुआ.
मोदी ने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच जो संबंध है वह हजारों साल पुराने हैं जब यहूदी पहली बार भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर उतरे थे. इस मौके पर उन्होंने भारत के यहूदी समुदाय के मशहूर लोगों की याद दिलाई. पीएम ने कहा, ‘हमें भारत में रहने वाले यहूदी बेटे- बेटियों पर गर्व है जैसे लेफ्टिनेंट जनरल जेएफआर जेकब, वाइस एडमिरल बेंजामिन सैमसन, महान आर्किटेक्ट जोशुआ बेंजामिन और फिल्म कलाकार नादिया, सुलोचना और प्रमिला जिनके योगदान ने भारतीय समाज में विविधता के मूल्यों को और मजबूत किया.
नेतन्याहू ने मोदी से अपनी दोस्ती दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ा. अपना साझा बयान खत्म करते वक्त वो मोदी से जमकर गले मिले.