नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री और देश में आर्थिक सुधारों के अगुवा मनमोहन सिंह ने शनिवार(26 नवंबर) को कहा कि आर्थिक विकास दर को सात से साढ़े सात फीसदी पर बनाए रखने के लिए विशेषकर बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ाने और विदेश व्यापार में नई जान फूंकने की जरूरत है।
सिंह ने उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के सालाना सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक नीतियां इस तरह से बनाई जानी चाहिए, जिसमें सार्वजनिक वित्तपोषण और वृद्धि प्रक्रिया के बीच बेहतर संतुलना बिठाया गया हो।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए समावेशी विकास को लोक वित्तपोषण, वित्तीय स्थिरता, रोजगार सृजन, आर्थिक वृद्धि और पर्यावरण संरक्षण से जोड़े जाने की जरूरत है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि इस समय भारत की विकास दर 7-7.5 फीसदी है, लेकिन इसे बरकरार रखने के लिए खासतौर पर बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि की जरूरत है। इसके साथ ही विदेशी व्यापार खासतौर से निर्यात को बढ़ाना भी अनिवार्य है।
सिंह ने कहा कि ऐसे वक्त में उच्च शिक्षा, गरीबी उन्मूलन और कुपोषण जैसी चुनौतियों की पहचान भी बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नीतिगत हस्तक्षेप के जरिए बेहतर रोजगार सृजन पर ध्यान दिया जाना चाहिए।