नई दिल्ली। भारत व्यापार सुगमता के मामले में इस साल भी नीचे स्थान पर है। सूची में वह 130वें पायदान पर है। देश ने निर्माण परमिट, कर्ज प्राप्त करने और अन्य मानदंडों के संदर्भ में नाममात्र या कोई सुधार नहीं किया है।
विश्व बैंक की ताजा ‘डूइंग बिजनेस’ रिपोर्ट में भारत की स्थिति में पिछले साल के मुकाबले कोई सुधार नहीं हुआ है। विभिन्न मानदंडों के आधार पर भारत 190 देशों में 130वें पायदान पर था। हालांकि पिछले साल की रैंकिंग को संशोधित कर 131वां कर दिया गया है। इस लिहाज से देश ने एक पायदान का सुधार किया है।
सरकार व्यापार सुगमता के लिये प्रयास कर रही है और उसका लक्ष्य देश को शीर्ष 50 में लाना है। विश्वबैंक के सूचकांक में रैंकिंग में कोई सुधार नहीं होने को लेकर भारत सरकार ने निराशा व्यक्त की और कहा कि रिपोर्ट में उन 12 प्रमुख सुधारों पर विचार नहीं किया गया जिसे सरकार कर रही है।
अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन और बेहतर गतिविधियों के बीच अंतर को मापने वाला ‘डिस्टेंस टू फ्रंटियर’ के लिये 100 अंक है। इसमें भारत को इस साल 55.27 अंक मिला जो पिछले साल 53.93 था।
भारत एकमात्र देश है जिसके रिपोर्ट में एक बाक्स है। जिसमें जारी आर्थिक सुधारों की बातें हैं। विश्वबैंक की डूइंग बिजनेस 2017 की सूची में न्यूजीलैंड पहले स्थान पर, जबकि सिंगापुर दूसरे पायदान पर है। उसके बाद क्रमश: डेनमार्क, हांगकांग, दक्षिण कोरिया, नार्वे, ब्रिटेन, अमेरिका, स्वीडन तथा पूर्व यूगोस्लाव मैसिडोनिया गणराज्य का स्थान है।