कमीशन के फैसले से वाकिफ एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘संस्था ने सेक्टर की हालत को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है और ट्राई से प्रमोशनल टैरिफ को लेकर उसके जून 2002 और सितंबर 2008 के फैसलों को लागू करने को कहा है।’ जून 2002 के फैसले में कहा गया है कि टेलिकॉम कंपनियां 90 दिनों से अधिक समय तक प्रमोशनल ऑफर नहीं दे सकतीं। भारती एयरटेल ने टेलिकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट अपेलेट ट्राइब्यूनल में दायर याचिका में जून के आदेश का हवाला दिया था और कहा था कि इसमें 14 पैसे का फ्लोर प्राइस तय किया गया था।
लिकॉम कंपनियां 14 पैसे से कम पर वॉइस कॉल ऑफर नहीं कर सकतीं। इस आधार पर एयरटेल ने जियो के प्रमोशनल ऑफर को चुनौती दी थी। वहीं, सितंबर के आदेश में कहा गया था कि टेलिकॉम कंपनियों को प्रमोशनल ऑफर की पूरी डिटेल देनी चाहिए और यह 90 दिनों से अधिक समय तक नहीं दिया जा सकता।