GST के क्या हैं फायदे, क्या होगा नुकसान, जानें सभी बातें विस्तार से

0
जीएसटी
Prev1 of 4
Use your ← → (arrow) keys to browse

लंबी बहस के बाद आजादी के बाद का ‘सबसे बड़ा आर्थिक सुधार’ कहा जाने वाला जीएसटी बिल को लोकसभा ने पारित कर दिया। जीएसटी से जुड़े चार बिलों सेंट्रल जीएसटी, इंटीग्रेटेड जीएसटी, यूनियन टेरिटरी जीएसटी और कॉम्पेंसेशन जीएसटी बिलों को लोकसभा ने संशोधनों के बाद पास किया। कल 31 मार्च को जीएसटी काउंसिल की बैठक होगी, इसमें जीएसटी के नियमों पर सहमति बनाई जाएगी। इसके बाद अप्रैल में किन टैक्स स्लैब में किस वस्तु को रखा जाएगा, उस पर फैसला लिया जाएगा। इनके लिए संसद की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। तो आइए जानते हैं आखिर क्या है जीएसटी और कौन-कौन से हैं इसके फायदे…

इसे भी पढ़िए :  जीएसटी पर पाकिस्तान का रिएक्शन जानकर चौंक जाएंगे आप, देखें वीडियो

क्या है जीएसटी?

जीएसटी एक ऐसा टैक्स है जो राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी सामान या सेवा की मैन्युफैक्चरिंग, बिक्री और इस्तेमाल पर लगाया जाता है। इस सिस्टम के लागू होने के बाद चुंगी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), राज्य स्तर के सेल्स टैक्स या वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फी, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री पर लगने वाले टैक्स, सामान के ट्रांसपोटेर्शन पर लगने वाले टैक्स इत्यादि खत्म हो जाएंगे।

इसे भी पढ़िए :  निजी क्षेत्र के बैंक एचडीएफसी ने घटायी ब्याज दर

इस व्यवस्था में गुड्स और सविर्सेज की खरीद पर अदा किए गए जीएसटी को उनकी सप्लाई के वक्त दिए जाने वाले जीएसटी के मुकाबले अजस्ट कर दिया जाता है। हालांकि यह टैक्स आखिर में कन्जयूमर को देना होता है क्योंकि वह सप्लाई चेन में खड़ा आखिरी शख्स होता है। मिसाल के तौर पर, अगर दिल्ली का कोई मैन्युफैक्चरर 1 करोड़ रुपये का सामान दिल्ली के ही किसी डिस्ट्रीब्यूटर को बेचता है तो 18 फीसदी जीएसटी (काल्पनिक) के लिहाज से उसे 18 लाख रुपये सरकार को अदा करने होंगे। लेकिन अगर उस मैन्युफैक्चरर को 1 करोड़ के सामान का इनपुट कॉस्ट 60 लाख रुपये पड़ा हो तो उसने पहले ही टैक्स के तौर पर 10.8 लाख रुपये चुका दिए हैं।

इसे भी पढ़िए :  जीएसटी पारित कराने के लिये कांग्रेस के पास पहुंची सरकार
Prev1 of 4
Use your ← → (arrow) keys to browse