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जनवरी में सरकार ने उस समय नाखुशी जताई थी, जब प्रधानमंत्री की तस्वीर को खादी व ग्रामोद्योग आयोग ने अपने कैलंडर में इस्तेमाल किया था। एक अधिकारी ने बताया, “नोटिस भेजने की बात इसलिए शुरू हुई क्योंकि लग रहा है कि अब इसका इस्तेमाल कुछ ज्यादा ही होने लगा है।”
हाई कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, “पीएम भी एक आम आदमी की तरह अधिकार रखते हैं कि बिना इजाजत उन्हें किसी भी ब्रैंड का प्रचार करते हुए नहीं दिखाया जा सकता।”
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