पेटीएम और रिलायंस जियो इन्फोकॉम द्वारा अपने विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें इस्तेमाल करने पर, केंद्र सरकार ने सोनों को नोटिस जारी किया है। जिसमें ये पूछा गया है कि उन्होंने अपने विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें इस्तेमाल करने से पहले इजाजत ली थी या नहीं।
खाद्य एवं आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस कदम की पुष्टि करते हुए कहा है कि इन कंपनियों पर आने वाले हफ्तों में इस संबंध में जुर्माना लगाया जा सकता है। मंत्रालय के दो अन्य अधिकारियों ने भी इस घटनाक्रम की पुष्टि की है।
मंत्रालय में उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लिखा है कि मीडिया को “द एंबलम्स ऐंड नेम्स (प्रिवेंशन ऑफ इंप्रॉपर यूज) ऐक्ट 1950 के तहत प्रतीकों और नामों के कमर्शल इस्तेमाल के लिए पूर्व अनुमति लेने के बारे में बताए।”
पिछले साल सितंबर में रिलायंस जियो ने फुलपेज विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर इस्तेमाल की थी। बाद में इस मामले में एक पीआईएल भी डाली गई थी। इसके बाद 9 नवंबर को जब पीएम मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था, पेटीएम ने इस फैसले का स्वागत करते हुए लोगों ने डिजिटल वॉलिट सर्विस इस्तेमाल करने की अपील करते हुए एक विज्ञापन दिया था। इस विज्ञापन में प्रधानमंत्री की तस्वीर इस्तेमाल की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी कहते हैं, “निश्चित तौर पर निजी कंपनियां या संस्थाएं वगैरह ऑफिशल एंबलम्स और इनसिग्निया को पिना परमिशन लिए इस्तेमाल नहीं कर सकतीं। यह हैरानी की बात है कि सरकार कई महीनों के बाद जाग रही है।”
1950 का ऐक्ट कहता है, “केंद्र सरकार द्वारा रखी शर्तों से हटकर किसी भी नाम या एंबलम को बिना केंद्र सरकार की इजाजत या ऑथराइज्ड अधिकारी से अनुमति लिए बिना किसी भी ट्रेड, बिजनस या प्रफेशन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।”
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