देश में कोल्ड ड्रिंक्स के कारोबार में अग्रणी कंपनियों पेप्सी और कोका-कोला को केरल से अपना धंधा समेटना पड़ सकता है। इस सूबे में इन दोनों मल्टिनैशनल कंपनियों को आर्थिक राष्ट्रवाद और पानी की कमी के चलते शुरू हुए आंदोलनों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को सूखे से प्रभावित करेल के दुकानदारों ने फैसला लिया कि वे कोका-कोला और पेप्सीको की ड्रिंक्स बेचने की बजाय स्वदेशी ब्रैंड्स को तवज्जो देंगे। इससे पहले तमिलनाडु में भी कारोबारियों की ओर से इन दोनों कंपनियों के बॉयकॉट का आह्वान किया जा चुका है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक रिटेल ग्रुप्स का दावा है कि ये कंपनियां भूजल की बर्बादी कर रही हैं और इनकी ड्रिंक्स में कीटनाशक मिला होता है, जबकि अकादमिक जगत से जुड़े लोगों और एनालिस्ट्स का कहना है कि जल संकट के बाद इन कंपनियों को राजनीति और आर्थिक राष्ट्रवाद का शिकार होना पड़ रहा है। भारत उन देशों में से है, जहां पानी की सबसे ज्यादा किल्लत है। कई राज्यों में बीते तीन सालों से मॉनसून कमजोर रहने के चलते नदियों में जल स्तर कम हुआ है, जबकि बांधों और नहरों में भी पानी की कमी है। इसके चलते किसानों, मैन्युफैक्चरर्स और नगर निकायों को कुंओं और भूजल पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है।