
बैंकिंग लेनदेन में लगातार बढ़ते फ्रॉड के बीच केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने बैंकों को कुछ हिदायत दी है। सीवीसी ने कहा है कि,” बैंक फ्रॉड रोकने के लिए सिर्फ ‘नो योर कस्टमर’ ही नहीं, बल्कि ‘नो योर इम्प्लॉई’ पर भी फोकस किया जाए”। केंद्रीय एजेंसी ने कहा है कि ज्यादातर बैंकिंग फ्रॉड में बैंक कर्मचारियों का हाथ होने की बात सामने आई है। ऐसे में अपने कर्मचारियों को लेकर भी बैंकों को सतर्कता बरतनी चाहिए। सीवीसी ने यह हिदायत हाल ही में रिलीज किए सतर्कता मैनुअल में दी है।
सीवीसी ने मैनुअल में कहा है कि पिछले कुछ दिनों में हुए बैंक फ्रॉड में कर्मचारियों का हाथ होने के कई मामले सामने आए है। ऐसे में बैंकों को चाहिए कि वह अपने स्टाफ पर भी नजर बनाए रखे. ताकि किसी भी तरह के फ्रॉड से बचने में मदद मिल सके।
सीवीसी ने कहा है कि इसके लिए स्टाफ का बैकग्राउंड वेरीफिकेशन, समय-समय पर उनके रिकॉर्ड की जांच और ऑडिट्स करते रहना चाहिए। इससे बैंक अपने कर्मचारियों को बेहतर तरीके से जान पाएंगे। इसके साथ ही सीवीसी ने बैंकिंग पार्टनर, वेंडर और एजेंट्स को शामिल करने से पहले उनका वेरीफिकेशन और बैकग्राउंड चेक करने की हिदायत दी है।
सतर्कता आयोग ने कहा कि अगर बैंकिंग फ्रॉड में कमी लानी है, तो बैंकों को अपने ग्राहकों के अलावा अपने कर्मचारियों को भी अच्छे से जानना चाहिए।