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जाने माने अमेरिकी अर्थशास्त्री स्टीव एच हांक ने कहा है कि 2016-17 वित्तीय वर्ष में नोटबंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था इसलिए ‘ठोस’ दिख रही है क्योंकि जीडीपी के आंकड़ों में अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है।
मेरीलैंड की जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के प्रफेसर हांक ने ट्वीट कर कहा, ‘भारत की ग्रोथ केवल इसलिए ठोस लग रही है क्योंकि इसने अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रतिकूल प्रभाव को नजरअंदाज किया है।’ भारत सरकार ने पिछले माह जीडीपी वृद्धि के अनुमानित दर की घोषणा करते हुए इसे 7.1 प्रतिशत रहने की बात कही थी। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने भी नोटबंदी को सही बताते हुए कहा था कि जीडीपी के ताजा आंकड़ों ने नोटबंदी की नकारात्मक अटकलों को खारिज कर दिया है।
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