जुलाई 2015 में भारत और अमेरिका ने एफएटीसीए पर दस्तखत किए। यह अमेरिका का नया कानून है जिसके लक्ष्य दोनों देशों के बीच वित्तीय सूचनाओं का स्वतः आदान-प्रदान की व्यवस्था की गई है ताकि टैक्स चोरों के बारे में जानकारी साझा की जा सके। इसी आलोक में बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों से खाताधारकों से स्व-अभिप्रमाणन प्राप्त करने को कहा गया है ताकि 1 जुलाई 2014 से 31 अगस्त 2015 के बीच खुले खातों को नियमों के दायरे में लाया जा सके।
टैक्स डिपार्टमेंट के निर्देश में कहा गया है, ‘खाताधारकों को बता दिया जाना चाहिए कि 30 अप्रैल 2017 तक सेल्फ सर्टिफिकेशन मुहैया नहीं कराया गया तो खाते बंद कर दिए जाएंगे। यानी, ऐसे खातों से लेनदेन पर पाबंदी लग जाएगी।’ टैक्स ऑफिसरों ने कहा कि खातों में बैंक, इंश्योरेंस, शेयर आदि शामिल हैं। खाताधारकों को अपना आधार नंबर भी बताना होगा।