भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को इस संबंधी निर्देश जारी किया है कि अगर ग्राहक के बचत खाते में बैलेंस जीरो है तो उनको नॉन मेंटीनेंस चार्ज अब नहीं देना पड़ेगा। दरअसल बैंकों ने सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस की सीमा तय कर रखी है। बैलेंस कम होने पर बैंक अकाउंट मेंटेन न रखने की एवज में वे ग्राहकों से पैसे वसूलते हैं और बैलेंस शून्य होने पर भी बैंक ये चार्ज लगाते हैं जिससे अकाउंट में निगेटिव बैलेंस आ जाता है।
पंजाब केसरी समाचार पत्र के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि अगर कोई बैंक ऐसा करता है और अकाउंट बैलेंस नेगेटिव पर कस्टमर बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं। ऐसे ज्यादातर मामले उन ग्राहकों के सामने आए हैं जो अपनी नौकरी बदलते हैं। ऐसे में उन लोगों के सैलरी अकाउंट में पैसे आने बंद हो जाते हैं जिससे बैंक उन पर चार्ज लगाना शुरू कर देते हैं। नियम के मुताबिक यह आदेश बीते साल से लागू होना था लेकिन कुछ बैंक अभी भी उसी नियम के तहत ग्राहकों पर नॉन मेंटीनेंस चार्ज लगाते आ रहे हैं।