नई दिल्ली। जानेमाने गीतकार जावेद अख्तर ने मंगलवार(4 अक्टूबर) को पाकिस्तानी कलाकारों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनके द्वारा उरी हमले की निंदा नहीं करना एक तरह की स्वीकारोक्ति है कि उनका देश इसके लिए जिम्मेदार है। 71 वर्षीय जावेद ने कहा कि हमले पर पाकिस्तानी कलाकारों की चुप्पी के पीछे उन्हें कोई वजह नजर नहीं आती।
अख्तर ने एक समाचार चैनल से कहा कि ‘‘पाकिस्तानी कलाकारों की चुप्पी एक तरह का कबूलनामा है कि पाकिस्तान हमले के लिए जिम्मेदार है। अगर पाकिस्तान कहता है कि वे इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं तो मुझे नहीं लगता कि किसी पाकिस्तानी कलाकार को इस हमले की निंदा नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर वे कहते हैं कि ‘हम जिम्मेदार नहीं हैं’ तो बहुत अच्छी बात है सामने आओ और इसकी निंदा करो।’’ इससे पहले मंगलवार को ही दिन में अभिनेत्री-सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि वह कलाकारों का सम्मान करती हैं, लेकिन भारतीय जवानों की शहादत को नहीं भुला सकतीं।
उन्होंने दिल्ली में एक समारोह में कहा कि ‘‘एक कलाकार के रूप में मैं उनके काम की सराहना करती हूं, लेकिन मैं इस बारे में टिप्पणी नहीं करना चाहती कि उन्हें यहां रहना चाहिए या देश छोड़कर चले जाना चाहिए।’’
मथुरा से भाजपा सांसद ने कहा कि ‘‘कलाकार तो कलाकार होते हैं, फिर चाहे वे पाकिस्तान से हों या भारत से। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि वे पाकिस्तान से हैं। मैं कहूंगी कि वे अच्छे कलाकार हैं। उन्होंने भारत में अच्छा काम किया है।’’
वहीं जानेमाने गीतकार गुलजार ने मुंबई में एक कार्यक्रम में इस विषय पर सवालों को अप्रासंगिक बताते हुए कहा कि ‘‘अगर शादी में जाएं और बात सरहद की करने लगें तो ठीक लगेगा?’’
अभिनेत्री राधिका आप्टे ने पाकिस्तानी कलाकारों पर पाबंदी के सवाल पर कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तानी कलाकारों को यहां आना चाहिए और फिल्में करनी चाहिए। यही मेरी राय है।