जल्‍लीकट्टू को जानवरों के प्रति क्रूरता मानने वालों को बिरयानी खाना छोड़ देना चाहिए- कमल हासन

0
कमल हासन

तमिलनाडू के परंपरागत खेल जल्‍लीकट्टू की पैरवी करते हुए अभिनेता कमल हासन ने कहा है कि जो भी यह सोचते हैं कि यह खेल जानवरों के प्रति क्रूरता है उन्‍हें बिरयानी खाना छोड़ देना चाहिए। उन्होने सोमवार(9 जनवरी) को इंडिया टुडे साउथ कॉक्‍क्‍लेव के दौरान कहा कि, “यदि आप जल्‍लीकट्टू पर प्रतिबंध चाहते हैं तो फिर बिरयानी पर भी प्रतिबंध लगाओ। मैं जल्‍लीकट्टू का दीवाना हूं।” साथ ही उन्होने यह भी कहा कि वे कई बार इस खेल का हिस्‍सा बन चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि यह खेल तमिलनाडु के परंपरागत संस्‍कृति का हिस्‍सा है।

इसे भी पढ़िए :  जल्लीकट्टू मामले में सांप्रदायिकता फैलाने की कोशिश पर तमिल वासियों ने बीजेपी नेता को ऐसे दिया करारा जवाब

 
कमल हासन पहले भी जल्‍लीकट्टू को फिर से शुरू करने की पैरवी कर चुके हैं। गौरतलब है कि जल्‍लीकट्टू को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 में प्रतिबंधित कर दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इससे जानवरों पर क्रूरता होती है।

इसे भी पढ़िए :  फ्रेंच फिल्म में 22 किसिंग सीन को लेकर नर्वस हो रही हैं राखी सावंत!

 

कमल हासन ने कहा कि स्‍पेन के खेल बुल फाइटिंग और जल्‍लीकट्टू में कोई समानता नहीं है। उन्‍होंने कहा, “यह सांड को रोकने के बारे में है ना कि उसके सींग तोड़कर या किसी अन्‍य तरह से उसे शारीरिक नुकसान से जुड़ा है। स्‍पेन में सांडों को नुकसान पहुंचाया जाता है और उन्‍हें मार दिया जाता है। तमिलनाडु में सांडों को देवता की तरह माना जाता है।”

इसे भी पढ़िए :  जेल में शशिकला के तेवर, मैचिंग ब्लाउज़ ना मिलने पर नहीं पहनी सफेद साड़ी