आखिरकार धोनी ने खुद को क्यों कहा आंतकवादी और हत्यारा?

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भारतीय वनडे और टी-20 किक्रेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कहना है कि वह चाहते थे कि उनके जीवन पर बनी फिल्म में उनकी यात्रा को दिखाया जाए लेकिन उनका गुणगान नहीं किया जाए और फिल्म के निर्देशक नीरज पांडे को एमएस धोनी – द अनटोल्ड स्टोरी के शुरुआती चरण के दौरान यही बात कही थी।

पत्नी साक्षी और निर्माता अरुण पांडे जिनकी कंपनी धोनी का प्रबंधन करती है उनके साथ अपनी फिल्म का प्रचार करने अमेरिका आए धोनी ने अपने जीवन और एक छोटे शहर के प्रतिभावान लड़के से भारत के सबसे सम्मानित कप्तानों में से एक बनने के बदलाव पर बात की। यह फिल्म दुनियाभर में 30 सितंबर को रिलीज होगी।

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धोनी नें फिल्म के प्रमोशन के दौरान कहा कि एक चीज मैंने निर्देशक नीरज पांडे को कही कि इस फिल्म में मेरा गुणगान नहीं होना चाहिए। यह पेशेवर खिलाड़ी के सफर के बारे में है और इसे यही दिखाना चाहिए। असल जीवन में वर्तमान में जीने वाले धोनी के लिए यह मुश्किल था कि वह अपने जीवन में पीछे जाएं और फिल्म के लिए कहानी नीरज को सुनाएं। धोनी से जब यह पूछा गया कि क्या वह चिंतित हैं कि फिल्म देखने के बाद एक व्यक्ति और क्रिकेटर के रूप में दुनिया उन्हें किस तरह देखेगी तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है।

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उन्होंने कहा कि शुरुआत में जब फिल्म की धारणा रखी गई तो मैं थोड़ा चिंतित था लेकिन एक बार काम शुरू होने के बाद मैं चिंतित नहीं था। क्योंकि मैं सिर्फ अपनी कहानी बयां कर रहा था।  धोनी ने साथ ही अपने क्रिकेट जीवन के उन लम्हों को भी साझा किया जिनका उन पर बड़ा असर पड़ा। भारतीय कप्तान ने कहा कि 2007 विश्व कप में हार और उनके तथा टीम के खिलाफ प्रतिक्रिया का उन पर गहरा असर पड़ा और कुछ हद तक यह अनुभव उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट भी रहा।

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