बुधवार को रिलीज हो रही शाहरुख खान की फिल्म ‘रईस’ को गुजरात के शराब माफिया और गैंगेस्टर अब्दुल लतीफ के जीवन पर आधारित बतायी जा रही है। हालांकि खुद खान और ‘रईस’ फिल्म के निर्देशक राहुल ढोलकिया ने इससे इनकार किया है। फिल्म में शाहरुख ने ‘रईस’ नामक गुजराती शराब माफिया और गैंगेस्टर की भूमिका निभायी है। अब्दुल लतीफ और ‘रईस’में कितनी समानता है ये तो फिल्म रिलीज होने के बाद पता चलेगा लेकिन अब्दुल लतीफ को अपराध जगत की बुलंदियों पर पहुंचाने में पुलिसवालों और राजनेताओं का बड़ा हाथ रहा है।
अक्टूबर 1951 में जन्मे अब्दुल लतीफ ने शुरुआत गुजरात के अहमदाबाद में एक जुए और शराब के ठेके पर 30 रुपये महीने की नौकरी से की थी। गुजरात में शराबबंदी लागू थी इसलिए इसकी तस्करी का धंधा राज्य में पैसा कमाने की मशीन बना हुआ था। लतीफ को जल्द ही अहसास हो गया कि इस धंधे में बड़ा मुनाफा है। लतीफ के साथी रहे महबूब सीनियर अब रियल एस्टेट का कारोबार करते हैं। महबूब ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “नौकरी के साथ-साथ देसी शराब की थैलियां बेचने से शुरू करके वो अंग्रेजी शराब की बोतलें बेचने लगा।” धीरे-धीरे गुजरात में अवैध शराब के लगभग पूरे कारोबार पर लतीफ का कब्जा हो गया।
लतीफ का कारोबार बढ़ने में सबस अहम भूमिका उसकी पुलिसवालों से “साझीदारी” थी। उस समय लतीफ के इलाके में तैनात एक पुलिस अफसर ने बताया, “उन दिनों लतीफ पागलों की तरह पैसे छाप रहा था। वो स्थानीय पुलिसवालों को हफ्ता और महंगे गिफ्ट देता था। कांस्टेबल से इंस्पेक्टर तक उससे गिफ्ट लेने वालों में थे। उसने बजाज स्कूटर और बुलेट मोटरसाइकिल तक पुलिसवालों को गिफ्ट में दी थी। उसकी वजह से कालूपूर थाना पुलिसवालों के लिए आकर्षक पोस्टिंग बन गई थी।”
