नई दिल्ली। बॉलीवुड सहित भारत में हो रहे रियलिटी शो में सालसा और हिप हॉप जैसे नृत्य की विदेशी शैलियां तेजी से अपनी जगह बना रहीं हैं। इस बीच कथक के दिग्गज पं. बिरजू महाराज का कहना है कि पश्चिमी नृत्य और संगीत भारतीय संस्कृति को ‘प्रदूषित’ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रस्सी से लटकना, जमीन पर कूदना या किसी व्यक्ति के ऊपर चढ़ जाना नृत्य नहीं बल्कि ‘तमाशा’ है।
महाराज ने कहा कि ‘‘पश्चिमी संगीत और भारतीय संगीत का मिलाना हमारी संस्कृति को प्रदूषित करना है। हिंदुस्तानी नृत्य और संगीत एक तरह का ध्यान है। कोई मुद्रा सीखने में हम कई घंटे लगा देते हैं, लेकिन इस तरह की नृत्यशैली कुछ सत्रों में ही सीख लिए जाते हैं।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘वे इसे नृत्य कहते हैं, लेकिन यह सर्कस है। इसे नृत्य मत कहिए, इसे सर्कस, ड्रामा, तमाशा ऐसे किसी अन्य नाम से पुकारिए।’’ भारतीय शास्त्रीय संगीत पर असाधारण पकड़ रखने वाले महाराज ने कहा कि पियानो और वॉयलिन जैसे कुछेक पश्चिमी वाद्यों को छोड़कर दुनिया की दूसरी ओर के अन्य सभी संगीत वाद्य ‘शोर’ के सिवा और कुछ नहीं हैं।