श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में 12 साल बाद BSF की वापसी हो गई है। आज से गृहमंत्री राजनाथ सिंह 2 दिनों के जम्मू कश्मीर दौरे पर हैं। यात्रा के दौरान गृहमंत्री वहां की स्थिति का जायजा लेंगे।गृह सचिव सहित बड़े अफसरों का दल भी दौरे पर गृहमंत्री के साथ है।घाटी में BSF की 26 कंपनियों को राज्य के इलाकों में कानून व्यवस्था बनाने के लिए भेजा गया है । इन बलों को गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से लिया गया है। इसके अतिरिक्त अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी से हटाए जाने के बाद बल की 30 अतिरिक्त कंपनियों को भी अगले कुछ दिन में राज्य में भेजे जाने की संभावना है।
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इससे पहले 90 के दशक में कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान के तहत घाटी में BSF को तैनात किया गया था। स्थानीय लोगों के मन में BSF की छवि एक आक्रामक और क्रूर बल की है। 2004 में बीएसएफ की जगह CRPF को कश्मीर में कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर तैनात किया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति में मदद के लिए शहर के लाल चौक और आसपास के इलाकों में BSF कर्मियों को तैनात किया गया है।
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कश्मीर में क्यों खराब हैं हालात
अनंतनाग जिले में आठ जुलाई को एक मुठभेड़ में हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की मौत हुई। बुरहान की मौत के बाद अलगाववादी नेताओं ने बंद बुलाया। इसके बाद से कश्मीर में पिछले एक महीने हालात बिगड़े हैं। प्रदर्शन और हिंसा में अब तक दो पुलिस वालों समेत 65 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हैं। बिगड़ते हालात के मद्देनजर कश्मीर के कई इलाकों में कर्फ़्यू लगाया गया। कश्मीर में कर्फ्यू को लगे हुए अब तक 46 दिन हो चुके हैं। लगातार हो रहे हिंसक प्रदर्शनों की वजह से इंटरनेट और मोबाइल सेवा पर भी रोक लगी।
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