प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको मालूम होगा हमारे देश में बेनामी संपत्ति का एक कानून है। 1988 में बना था, लेकिन कभी भी न उसके नियम बने, उसको अधिसूचित नहीं किया। ऐसे ही वो ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। हमने उसको निकाला है और बड़ा धारदार बेनामी संपत्ति का कानून हमने बनाया है। आने वाले दिनों में वो कानून भी अपना काम करेगा। देशहित के लिए, जनहित के लिए, जो भी करना पड़े, ये हमारी प्राथमिकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ इस महायज्ञ में लोगों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया है। मैं चाहता था कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है, राजनीतिक दलों को राजनीतिक वित्त पोषण के मुद्दे पर सदन में व्यापक चर्चा हो। अगर सदन चला होता तो जरूर अच्छी चर्चा होती। आगे पीएम ने कहा कि कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि राजनीतिक दलों को सब छूट-छाट है, ये गलत है। कानून सब के लिए समान होता है और चाहे व्यक्ति हो, संगठन हो या राजनीतिक दल हो, हर किसी को कानून का पालन करना ही होता है और करना ही पड़ेगा. जो लोग खुल कर भ्रष्टाचार और काले धन का समर्थन नहीं कर पाते हैं, वे सरकार की कमियां ढूंढने के लिए पूरी देर लगे रहते हैं।