मणिपुर ब्लॉकेड को ख़त्म करने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली में बैठक भी बुलाई थी। यूनाइटेड नगा काउन्सिल से गायडान कमाई और स्टीफ़न जूडिशल कस्टडी में दिल्ली बातचीत करने भी आए थे। मीटिंग में नागा काउन्सिल इस बात के लिए तैयार हो गया था कि वो ब्लॉकेड ख़त्म कर देगा और मणिपुर सरकार राज़ी हो गई थी कि वो इन दोनों नगा नेताओं को छोड़ देगी। यह भी तय हुआ था कि जिन नए जिलों को लेकर दोनों के बीच तनाव है उसके ऊपर नई राज्य सरकार आने के बाद फ़ैसला लेगी। दोनों पक्ष अपने अपने नेताओं से मंज़ूरी लेने वापस गए। लेकिन जब दूसरे दौर की बैठक हुई तो बात नहीं बन पाई। केन्द्रीय गृह मंत्रालय का कहना है, ‘नागा नेताओं ने अपने प्रेसिडेंसियल काउन्सिल यानी मुईवा से बात की लेकिन उसने इस शर्त पर मुहर नहीं लगाई।’
उधर उत्तर पूर्वी राज्यों के मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि राज्य सरकार अपनी तरफ़ से कोई कोशिश नहीं कर रही है कि माहौल बदले।
उनके मुताबिक़ बीजेपी की तरफ़ से भी चुनाव आयोग को रेप्रेज़ेंटेशन दी गई थी लेकिन उन्होंने नहीं सुनी।