राजस्थान के अलवर में कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा मवेशी लेकर जा रहे मुस्लिम समुदाय के 15 लोगों पर किए गए हमले में बुरी तरह जख्मी होकर सोमवार को पहलू खान की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज कर लिया है और तीन लोगों को अरेस्ट किया है। इस मामले पर राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया का मानना है कि ‘गोरक्षकों’ ने अच्छा काम किया, लेकिन लोगों की पिटाई कर उन्होंने कानून का उल्लंघन भी किया।
पहलू खान हरियाणा के रहने वाले थे। हमले में घायल उनके 4 अन्य साथी भी अस्पताल में भर्ती हैं। बताया जाता है कि भीड़ द्वारा घेरे जाने के बाद खान और उनके साथियों ने पर्चियां भी दिखाईं कि वे इन पशुओं को जयपुर के पशु मेले से खरीदकर लाए हैं, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। भीड़ ने उन लोगों को हाइवे पर उनके पिकअप वैन से खींच लिया और दौड़ा-दौड़ाकर पिटाई की।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक मेवात की नूह तहसील में रहने वाला 55 साल का पहलू खान पिछले शुक्रवार एक दूध वाली भैंस खरीदने अपने गांव जयसिंहपुर से जयपुर के लिए निकला था। वह एक डेयरी किसान था, जिसने सोचा था कि वह रमजान के दौरान अपने दूध का उत्पादन बढ़ा ले। लेकिन शनिवार को जब गाय बेचने वाले ने पहलू खान के सामने ही 12 लीटर दूध निकालकर दिखाया तो पहलू ने भैंस की जगह गाय ही खरीद ली जाए। लेकिन यह फैसला ही उसकी जान ले बैठा। पहलू के 24 वर्षीय बेटे इरशाद ने कहा, “यह जिंदगी का सबसे गलत फैसला था, जिसने मेरे पिता की जान ले ली।” इरशाद और उसका भाई आरिफ उस समय अपने पिता पहलू खान के साथ ही थे जब अलवर के बहरोर इलाके में कुछ गोरक्षकों ने उनपर हमला कर दिया। गंभीर चोट आने के कारण सोमवार को पहलू खान की मौत हो गई।
आरिफ ने बताया, “मेरे पिता राजस्थान नंबरप्लेट वाले एक पिकअप ट्रक में अजमत के साथ थे, अजमत हमारे ही गांव का है। ट्रक में दो गाय और दो बछड़े थे। इरशाद, मैं और एक अन्य गांव वाला दूसरे ट्रक में आ रहे थे, जिसमें 3 गाय और 3 बछड़े थे।” आरिफ ने बताया कि किस तरह गोरक्षकों ने उनके वाहन को रोका, उन्हें बाहर निकाला और बेल्ट व डंडो से पीटा। उसने कहा कि पुलिस 20-30 मिनट बाद आई, तब तक वो सभी बेहोश हो चुके थे।
गोरक्षकों ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि ये सभी गायों की तस्करी कर रहे थे। राजस्थान पुलिस ने दामोदर सिंह नाम के व्यक्ति की शिकायत के आधार पर पहलू खान व अन्य के खिलाफ गैरकानूनी तौर पर पशुओं को बूचड़खाने ले जाने के आरोप में FIR दर्ज की। एफआईआर में कहा गया कि उन लोगों के पास गाय खरीदने के दस्तावेज या रसीद नहीं थी। हालांकि इरशाद ने दावा किया कि उनके पास रशीद थी। जयपुर नगर निगम (सीरियल नंबर 89942) की रशीद दिखाते हुए इरशाद ने कहा, “पता नहीं एफआईआर में क्यों कहा गया कि रशीद नहीं थी। मैंने 45000 रुपए में गाय को खरीदा था।” बता दें कि हमला करने वाले छह आरोपियों- हुकुम चंद, जगमल, ओम प्रकाश, सुधीर, राहुल सैनी और नवीन सैनी को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
दिल थामकर देखिए इस वारदात का वीडियो
वीडियो ANI के सौजन्य से