दिल्ली: लंदन में बलूच कार्यकर्ताओं ने चीनी दूतावास के सामने ‘चीन..पाकिस्तान सांठगांठ’ के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने संकल्प लिया कि वे संसाधन बहुल प्रांत की लूट खसोट को लेकर बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच हस्ताक्षर किए गए अनुबंध को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट (एफबीएम) ने एक बयान में कहा, ‘‘ बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है।’’ पाकिस्तान के साथ सौदा से सिर्फ संघर्ष का रास्ता बनेगा।’’ एफबीएम 25 सितंबर से चीनी दूतावास के सामने प्रदर्शन कर रहा है।
इसने कहा कि बलूच संसाधनों और बंदरगाहों के सिलसिले में पाकिस्तान की पंजाबी मुस्लिम सेना और चीनी सरकार के बीच हस्ताक्षर हुए अनुबंध अवैध हैं।
इसने 46 अरब डॉलर के चीन..पाकिस्तान आर्थिक गलियारा :सीपीईसी: का हवाला देते हुए यह कहा। इसका लक्ष्य चीन के पश्चिमी हिस्सों को बलूचिस्तान के रणनीतिक ग्वादर बंदरगाह के मार्फत अरब सागर को जोड़ना है।
संगठन का हफ्ते भर लंबा प्रदर्शन कल खत्म हुआ। वे चीनी दूतावास के सामने छह दिन से धरना पर बैठे हुए थे।